Sunday 4 August 2013

दोस्त और दोस्ती





दोस्त और दोस्ती
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एक रिश्ता जो दिल में बसता हैं
दिल से बनाया हुआ
सबसे अलग , सबसे ज़ुदा
श्रीकृष्ण सुदामा सा
तेरी मेरी दोस्ती का
जग में सबसे निराला
ना खून का रिश्ता , ना नातो का बंधन
निभाते दिल से
यही तो कहलाये अपनी दोस्ती मित्रता , प्यार
सब बन्धनों से परे अनोखा प्यार
दोस्ती ना कोई खेल, ना व्यापार
ये तो दोस्तों का अदभुत  संसार
खिली खिली धुप सा ,
महकी महकी खुशबू सा
अहसास हैं इसमें अपनेपन का
ये सौगात हैं अनमोल हीरे सी
चमक जिसकी साल-दर-साल बढ़ती जाये
ये वो अमृत हैं जिससे
दिलो की नफ़रत मिट जाये
दोस्तों का प्यार , दोस्ती की दरकार
भगवान् को रूप बदल-बदलकर
बार बार धरती पर अवतार कराये
छल-कपट होता नहीं इसमें
जिसमे छल-कपट हो दोस्ती ना कहलाये
दोस्ती नाम ही जीवन में
खुशियों से दामन भर दे
सच्चा दोस्त मिलना हैं बहुत मुश्किल
मिल जाये तो जिंदगी और
जीने का तरीका बदल जाये
खुशनसीब हूँ मैं , बहुत ही खुशनसीब
मुझे इस जीवन में सच्चे दोस्त मिले
जाने क्या पूण्यकर्म थे मेरे
दोस्त के रूप में भगवान् मिले
वैसे तो जीवन में जिसको दोस्त मिल जाये
उसका हर दिन दोस्ती  के नाम होता हैं
मगर संसार ने आज के दिन को
मित्रता दिवस का नाम दिया हैं
तो आओ हम भी मनाये
मित्रता दिवस पर्व अपनी दोस्ती के नाम

नील

4 comments:

ताऊ रामपुरिया said...

मित्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं.

रामराम.

Unknown said...

आपको भी मित्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ ताऊ रामपुरिया जी

सुनीता अग्रवाल "नेह" said...

उम्दा लेखन .... सच्चा दोस्त जिसे मिल जाये वो सबसे संपन्न और खुशनसीब हो जाये ... बधाई मित्र

Unknown said...

sukriya @sunita :)

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